1. परिचय
तुगलकाबाद किला
भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। इसे दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश के संस्थापक गयासुद्दीन तुगलक ने बनवाया था। यह किला अपनी विशाल दीवारों, किलेबंदी और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है।
2.निर्माण और वास्तुकला
तुगलकाबाद किले का निर्माण 1321-1325 ईस्वी के बीच हुआ था। इसे गयासुद्दीन तुगलक ने अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया था।
निर्माण लागत
इस किले के निर्माण की सटीक लागत का कोई ऐतिहासिक विवरण नहीं है, लेकिन इसे बनाने में अपार धन और संसाधनों का उपयोग किया गया था।
वास्तुकला शैली
किला पूरी तरह से बलुआ पत्थर से बना है।
इसकी दीवारें लगभग 10-15 मीटर ऊँची और 10 मीटर चौड़ी हैं।
इसमें कई गुप्त सुरंगें और मजबूत किलेबंदी की गई थी।
सैन्य सुरक्षा
तुगलकाबाद किले का मुख्य उद्देश्य दिल्ली की रक्षा करना और बाहरी आक्रमणों से सल्तनत को सुरक्षित रखना था।
राजधानी के रूप में उपयोग
गयासुद्दीन तुगलक ने इसे अपनी राजधानी बनाया था, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद यह किला जल्द ही वीरान हो गया।
जल आपूर्ति और प्रणाली
किले के भीतर जलाशय और जल निकासी प्रणाली भी बनाई गई थी ताकि लंबे समय तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
पतन और वर्तमान स्थिति
तुगलकाबाद किला अधिक समय तक उपयोग में नहीं रहा। फिरोज शाह तुगलक के शासनकाल में इसे छोड़ दिया गया। आज यह एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में जाना जाता है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है।ऐसा कहा जाता है कि जब गयासुद्दीन तुगलक इस किले का निर्माण करवा रहे थे, तब उन्होंने संत निज़ामुद्दीन औलिया के अनुयायियों को जबरन मजदूरी करने पर मजबूर किया। इस पर संत ने क्रोधित होकर कहा – “या तो यह बसा रहेगा या गयासुद्दीन”। संयोग से, गयासुद्दीन की मृत्यु के बाद किला जल्द ही वीरान हो गया, जिससे लोगों ने इस श्राप को सच माना।
निष्कर्ष
तुगलकाबाद किला एक महान ऐतिहासिक धरोहर है जो मध्यकालीन भारतीय स्थापत्य कला और सैन्य संरचना की झलक देता है। हालांकि अब यह खंडहर में बदल चुका है, फिर भी यह भारत के गौरवशाली अतीत का प्रतीक बना हुआ है।