अदीलाबाद किला (Adilabad Fort)

परिचय

अदीलाबाद किला दिल्ली में स्थित एक ऐतिहासिक किला है, जिसे तुगलक वंश के शासक गयासुद्दीन तुगलक के पुत्र मुहम्मद बिन तुगलक ने 14वीं शताब्दी में बनवाया था। यह किला तुगलकाबाद किले के दक्षिण में स्थित है और इसे तुगलक काल की वास्तुकला और रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के उद्देश्य से निर्मित किया गया था।

निर्माण काल और उद्देश्य

  •  
  • इस किले का निर्माण 1326-1327 ईस्वी के आसपास हुआ था।
  • मुहम्मद बिन तुगलक ने इसे अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए बनवाया।
  • यह किला तुगलकाबाद किले की सुरक्षा का हिस्सा था और एक अतिरिक्त किलेबंदी के रूप में कार्य करता था।
  • वास्तुकला और संरचना

  • यह किला तुगलककालीन वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
  • इसके चारों ओर मजबूत पत्थरों से बनी ऊँची दीवारें हैं, जो इसे शत्रु आक्रमणों से सुरक्षित रखती थीं।
  • किले के भीतर कई दरवाजे, गेटवे, सीढ़ियाँ और आंतरिक महल थे।
  • लागत

  • किले के निर्माण की सटीक लागत के बारे में कोई ऐतिहासिक विवरण नहीं है।
  • लेकिन यह तुगलककालीन अन्य किलों की तरह एक भव्य और मजबूत संरचना थी, जिसके निर्माण में भारी धनराशि खर्च हुई होगी।

किले के निर्माण का उद्देश्य (क्यों बनवाया गया?)

  • सुरक्षा कारण: यह किला तुगलकाबाद किले की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए बनाया गया था।
  • शाही निवास: मुहम्मद बिन तुगलक ने इसे अपनी एक अलग शाही रिहायश के रूप में भी इस्तेमाल किया।
  • आक्रमणों से रक्षा: दिल्ली पर बाहरी आक्रमणों से बचाने के लिए इसे किलेबंदी के रूप में विकसित किया गया था।
  • तुगलक वंश की शक्ति प्रदर्शन: यह किला तुगलक साम्राज्य की ताकत और निर्माण क्षमता का प्रतीक था।

अदीलाबाद किला दिल्ली के तुगलककालीन किलों में से एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संरचना है। हालांकि, समय के साथ इसका अधिकांश हिस्सा खंडहर में बदल गया है, लेकिन यह अभी भी दिल्ली की समृद्ध ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा है। इतिहास और वास्तुकला में रुचि रखने वाले पर्यटक और शोधकर्ता इस किले को देखने आते हैं, जिससे हमें मुगल काल से पहले के दिल्ली के शासकों की निर्माण शैली और उनकी रणनीतिक सोच की झलक मिलती है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *